Sai Vachan Shradha aur Saboori - Sai Shradha Saboori

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Friday, May 25, 2018

Sai Vachan Shradha aur Saboori

साई वचन – श्रद्धा और सबुरी



श्रद्धा और सबुरी में बहुत गहरा सम्बन्ध है !
यह दोनों ही हमे मालिक के करीब लाती है,मालिक को प्राप्त करने का यह मुख्य साधन है !

श्रद्धा का अर्थ

श्रद्धा का अर्थ है विश्वास कि (ईश्वर मे आस्था)अगर दिल में सच्ची श्रद्धा होती है तो  देर से ही सही  मालिक ज़रुर सुनता है,यह नही कि अपना काम पूरा करने के लिए मन में श्रद्धा जगाई और अगर काम पूरा नही हुआ तोह श्रद्धा खत्म कर दी ,यह श्रद्धा नही है श्रद्धा तो वह होती है जिसमे कोई इच्छा करे बगैर सचे मन से  ईश्वर की भक्ति हो , विपरीत परिस्थी में भी आस्था में कमी न आए ,अच्छा और बुरा जो होता है यह तो कर्मो का फल है,अगर मन में सच्ची श्रद्धा होगी तोह मालिक जरुर सुनेगा ,एक बार उसने हाथ थाम लिया तोह यह सुख व दुःख कुछ मायने नही रखता उसकी कृपा एक बारी मिल गयी तो सारे काम बगेर सोचे पूरे हो जायेंगे !

सबुरी का अर्थ

वैसे ही सबुरी का अर्थ है सबर, हमे मन में सबर भी रखना चाहिए.अगर हमने परिश्रम किया है तो ज़रुर एक न एक दिन हमे उसका फल मिलेगा,चाहे देर से मिले पर जो मालिक की मरजी से मिलता है उसका यश अलग ही होता है !
इश्लिये आईये हमसब मिलकर  आज अपने मन में श्रद्धा और सबुरी का साचादीपक जलाये और उसे बाबा के चरणों में समर्पित करे जिसे हमारा जीवन सार्थक हो सके !

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