आरती श्री साईं बाबा की हिंदी में
यह दो तरह की साईं बाबा की हिंदी में आरती दी जा रही है , साईं का विशेष वार है गुरूवार है | गुरूवार को पूर्ण विधि विधान से आरती की जानी चाहिए |
साईं बाबा आरती 1
आरती श्री साईं गुरुवर की |
परमानन्द सदा सुरवर की ||
परमानन्द सदा सुरवर की ||
जा की कृपा विपुल सुखकारी |
दुःख, शोक, संकट, भयहारी ||
दुःख, शोक, संकट, भयहारी ||
शिरडी में अवतार रचाया |
चमत्कार से तत्व दिखाया ||
चमत्कार से तत्व दिखाया ||
कितने भक्त चरण पर आये |
वे सुख शान्ति चिरंतन पाये ||
वे सुख शान्ति चिरंतन पाये ||
भाव धरै जो मन में जैसा |
पावत अनुभव वो ही वैसा ||
पावत अनुभव वो ही वैसा ||
गुरु की उदी लगावे तन को |
समाधान लाभत उस मन को ||
समाधान लाभत उस मन को ||
साईं नाम सदा जो गावे |
सो फल जग में शाश्वत पावे ||
सो फल जग में शाश्वत पावे ||
गुरुवासर करि पूजा - सेवा |
उस पर कृपा करत गुरुदेवा ||
उस पर कृपा करत गुरुदेवा ||
राम, कृष्ण, हनुमान रूप में |
दे दर्शन, जानत जो मन में ||
दे दर्शन, जानत जो मन में ||
विविध धर्म के सेवक आते |
दर्शन कर इच्छित फल पाते ||
दर्शन कर इच्छित फल पाते ||
जै बोलो साईं बाबा की |
जो बोलो अवधूत गुरु की ||
जो बोलो अवधूत गुरु की ||
`साईंदास` आरती को गावे |
घर में बसि सुख, मंगल पावे ||
घर में बसि सुख, मंगल पावे ||
साईनाथ आरती 2
आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा । चरणों के तेरे हम पुजारी साईँ बाबा ॥
विद्या बल बुद्धि, बन्धु माता पिता हो l तन मन धन प्राण, तुम ही सखा हो ll
हे जगदाता अवतारे, साईँ बाबा । आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥
ब्रह्म के सगुण अवतार तुम स्वामी l ज्ञानी दयावान प्रभु अंतरयामी ll
सुन लो विनती हमारी साईँ बाबा । आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥
आदि हो अनंत त्रिगुणात्मक मूर्ति l सिंधु करुणा के हो उद्धारक मूर्ति ll
शिरडी के संत चमत्कारी साईँ बाबा । आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥
भक्तों की खातिर, जनम लिये तुम l प्रेम ज्ञान सत्य स्नेह, मरम दिये तुम ll
दुखिया जनों के हितकारी साईँ बाबा । आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥
विद्या बल बुद्धि, बन्धु माता पिता हो l तन मन धन प्राण, तुम ही सखा हो ll
हे जगदाता अवतारे, साईँ बाबा । आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥
ब्रह्म के सगुण अवतार तुम स्वामी l ज्ञानी दयावान प्रभु अंतरयामी ll
सुन लो विनती हमारी साईँ बाबा । आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥
आदि हो अनंत त्रिगुणात्मक मूर्ति l सिंधु करुणा के हो उद्धारक मूर्ति ll
शिरडी के संत चमत्कारी साईँ बाबा । आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥
भक्तों की खातिर, जनम लिये तुम l प्रेम ज्ञान सत्य स्नेह, मरम दिये तुम ll
दुखिया जनों के हितकारी साईँ बाबा । आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥
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